नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Sunday, September 5, 2021

वृंदावनवासी सांवरे मन मोहन मदन गोपाल

 ।। वृंदावनवासी सांवरे मन मोहन मदन गोपाल ।।


वृंदावनवासी सांवरे मन मोहन मदन गोपाल ।

मथुरा जाए गोकुल आए जशुमति कियो निहाल ।।१।।


घर-घर बाजने सुंदर बाजे सब भए मालामाल ।

देवकीनन्दन जगबन्दन भए नंद बाबा को लाल ।।२।।


गली-गली में नाच नचावैं गोपिन दै-दै ताल ।

माखन खातिर घर-घर डोलत गोपिन ऐंठत गाल ।।३।। 


लकुटी लेकर गाय चरावत बड़ा छ्वीलो ग्वाल 

कामरि वंसुरी सुंदर सोहै तिलक सजीलो भाल ।४


यमुना तीरे कंदुक खेलत संग सखा सब बाल 

अष्ट सखी संग राधा मोहन लीला करत रसाल ।५


टेढ़ी-टेढ़ी चितवन सोहै टेढ़े टेढ़े बाल ।

टेढ़ी कटि संतोष सुधारत जीवन टेढ़ी चाल ।।६।।


।। वृंदावनवासी सांवरे सरकार की जय ।।

Friday, March 12, 2021

श्रीराम जन्म महामहोत्सव : श्रीराम नवमी व्रत महिमा और पुण्य फल

 श्रीराम नवमी व्रत की बहुत महिमा है । श्रीराम नवमी के दिन श्रीराम जन्म महामहोत्सव सुर, नर, मुनि, खग, नाग, और राक्षस आदि सभी मनाते हैं   श्रीराम नवमी के दिन व्रत रखकर राम जी की पूजा, ध्यान और राम नाम का जप करने का बड़ा महत्व है  

 श्रीरामनवमी के दिन व्रत केवल दोपहर तक न रखकर पूरे दिन व्रत रखना चाहिए । और रात्रि जागरण करना चाहिए । ऐसा ग्रंथों में वर्णन है । 

 सामन्यतया लोग समझते हैं कि रामजी का जन्म महोत्सव दिन में बारह बजे मनाया जाता है । इसलिए दोपहर तक ही व्रत रखना चाहिए । लेकिन व्रह्मांड पुराण और अध्यात्म रामायण के अनुसार पूरे दिन व्रत रखना चाहिए ।

व्रह्माजी नारदजी से कहते हैं कि श्रीराम नवमी के दिन निराहार रहकर रात्रि जागरण कर ध्यान पूर्वक अध्यात्म रामायण पढ़ना अथवा सुनना चाहिए ।

 आज के समय में निराहार रहना कई लोगों के लिए मुश्किल होता है । ऐसे में कमसे कम फलाहार व्रत पूरे दिन रखना चाहिए और रात्रि में अध्यात्म रामायणश्रीराम चरितमानस पढ़ना- सुनना चाहिएभजन- कीर्तन करना चाहिए और अगले दिन पारण करना चाहिए । इस प्रकार श्रीराम जन्म महोत्सव दिन और रात दोनों मनाना चाहिए ।

 

 व्रह्माजी जी कहते हैं कि यदि कोई श्रीराम नवमी के दिन निराहार व्रत करके रात्रि में जागरण कर अनन्य वुद्धि से अध्यात्म रामायण पढ़ता अथवा सुनता है तो उसका फल पुण्य इस प्रकार होता है-

  सर्वग्रस्त सूर्य ग्रहण के समय कुरुक्षेत्र आदि सभी पवित्र तीर्थो में भगवान वेद व्यास के समान विप्र को अपने बराबर धन देने से जो पुण्य होता है वही फल प्राप्त हो जाता है ।

यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि सर्वग्रस्त सूर्य ग्रहण का समय जल्दी नहीं आता ।उसके बाद एक-दो नहीं अनेकों पवित्र तीर्थ हैं । जैसे-

 अयोध्यामथुराकाशीचित्रकूटनासिकहरिद्वारप्रयागराजकुरुक्षेत्र और रामेश्वरम आदि । आदि । फिर भगवान वेद व्यास के समान विप्र कहाँ मिलेगा और इतना धन जुटाना भी मुश्किल है । सभी पवित्र तीर्थों में सर्वग्रस्त सूर्यग्रहण के समय एक-एक कर पहुँचने में पूरा जीवन पहले ही निकल जाएगा ।

  ऐसे में यह पुण्ययह फल दुर्लभ है । और इसे श्रीराम जन्म महोत्सव मनाकर व्रत रहकररात्रि में जागरण करके अपनी-अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुरूप प्राप्त किया जा सकता है ।

  अगले महीने श्रीराम नवमी आने वाली है । सभी को श्रीराम नवमी को पूरे दिन व्रत रहकर और रात्रि में यथा संभव जागरण करके श्रीरामचरितमानसअध्यात्म रामायण आदि पढ़ना और सुनना चाहिएभजन-कीर्तन करना चाहिए । और पुण्य लाभ करना चाहिए ।

।। जय श्रीराम नवमी महामहोत्सव की  ।।

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