नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Monday, March 6, 2023

श्रीराम नवमी व्रत -फल-महिमा-प्रभाव: श्रीराम नवमी का व्रत जरूर रखना चाहिए

 

श्रीराम नवमी अर्थात चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को भगवान श्रीराम अयोध्या में राजा दशरथ के यहाँ प्रगट हुए- दशरथ नृपति अजोध्या राव  ताके गृह कियो आबिरभाव । -सूरसागर राम जी के प्रगट होने पर देवता, मुनि, मनुष्य, नाग, यक्ष, गंधर्व आदि श्रीराम नवमी महामहोत्सव मनाने लगे  

आजु दशरथ के आँगन भीर 

ये भू-भार उतारन कारन, प्रगटे श्याम शरीर -सूरसागर 


तभी से प्रत्येक वर्ष श्रीराम नवमी महामहोत्सव मनाया जाता है   लेकिन कई लोगों ने कभी किसी से सुना ही नहीं अथवा कभी किसी ने बताया ही नहीं की श्रीराम नवमी को भी व्रत रखना चाहिए । इसलिए कई लोग श्रीराम नवमी का व्रत नहीं रखते हैं । भगवान शंकर जी ने माता पार्वती को श्रीराम नवमी की महिमा बताते हुए कहा है कि जो श्रीरामनवमी के दिन भोजन करता है वह मूर्ख घोर नरकों में पकाया जाता है-'कुम्भीपाकेषु घोरेषु पच्यते  नात्र संशयः' 

 

जगतपिता व्रह्मा जी श्रीराम नवमी की महिमा बताते हुए कहते हैं कि श्रीराम नवमी को व्रत रखना चाहिए । व्रह्मा जी ने श्रीराम नवमी को व्रत रखकर रात्रि जागरण करने को भी कहा है । इससे मंगल होता । बहुत पुण्य होता है । 


श्रीराम नवमी का दिन बड़ा पवित्र और मंगलकारी होता है । श्रीराम नवमी का व्रत और रात्रि जागरण अनन्य बुद्धि से करने पर जितने भी तीर्थ हैं उन सबमें सर्वग्रस्त सूर्यग्रहण के समय भगवान वेद व्यास के समान विप्र को अपने बराबर धन दान देने से कुल मिलाकर जो पुण्य होता है उतना पुण्य  प्राप्त हो जाता है । 

उपरोक्त पुण्य लाभ असंभव है क्योंकि एक दो नहीं हजारों तीर्थ हैं और सर्वग्रस्त सूर्य ग्रहण सदा नहीं होता और वेद व्यास जी के समान विप्र कहाँ मिलेगा और प्रत्येक तीर्थ में सर्वग्रस्त सूर्य ग्रहण के समय अपने बराबर धन का दान कैसे होगा ? जिसे श्रीराम नवमी को व्रत रखकर अनन्य भाव से रात्रि जागरण करके संभव किया जा सकता है । 

 

   श्रीराम नवमी को व्रत रखकर दशमी को पारण करना चाहिए । व्रत रखकर श्रीराम नाम का जप और श्रीरामचरितमानस जी का पाठ करना चाहिए । श्रीरामचरितमानस जी के बालकाण्ड से ‘भये प्रगट कृपाला’ छंद का पाठ अवश्य करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए । श्रीराम नवमी  को सरयूजी में स्नान , व्रत और श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन का विशेष महत्व है और इस दिन रात्रि जागरण और उपवास विशेष रूप से करना चाहिए ऐसा भगवान श्रीशंकर जी ने माता पार्वती से  कहा है  


जो लोग श्रीराम नवमी का व्रत करते हैं और जो श्रीराम जन्म-महोत्सव हर्ष पूर्वक मनाते हैं वे मनुष्य देवों से सेवित अविनाशी गति को प्राप्त करते हैं   इस दिन श्रीसरयू जी में स्नान करके श्रीराम जन्म भूमि के दर्शन का विशेष महत्व है और और स्नान-दर्शन अवश्य करना चाहिए । श्रीराम नवमी को सरयू जी का दर्शन, स्नान और श्रीराम जन्म भूमि का दर्शन, व्रत और जागरण घोर संसार सागर से पार उतारने वाला और संसार चक्र से छुड़ाने वाला तथा पुत्र आदि कामनाओं की पूर्ति करने वाला तथा भगवद प्रेम प्रदान करने वाला है ।


 

।। जय श्रीराम ।।


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