ग्रंथों में ऐसा भी वर्णन मिलता है कि रावण को भी स्वप्न से यह पता चल गया था कि हनुमानजी अशोक वाटिका में आ गए हैं इसलिए ही रावण सीताजी से सम्वाद करने आया, उनसे अशोभनीय बातें किया और उन्हें तलवार लेकर मारने दौड़ा और पिचासनियों को सीताजी को परेशान करने के लिए बोल कर गया जिससे हनुमानजी जाकर रामजी से ये सब बताएं और रामजी जल्दी आकर उसका वध कर दें ।