भगवान के कई अवतार हुए हैं | लेकिन केवल दो अवतार ही हैं जो चतुर्व्यूह अवतार हैं | पहला रामावतार और दूसरा कृष्णावतार |
यही कारण है कि सनातन हिंदू धर्म में रामजी और कृष्णजी अधिक पूजे जाते हैं | इनका यशोगान अधिक होता है |
जब भगवान चार रूपों में अवतार लेते हैं तो वह अवतार चतुर्व्यूह अवतार कहा जाता है |
रामावतार में रामजी, भरतजी, लक्ष्मण जी और शत्रुघ्नजी का एक चतुर्व्यूह था | और कृष्णावतार में कृष्णजी, बलरामजी, प्रद्युम्नजी और अनिरुद्ध जी को मिलाकर चतुर्व्यूह पूरा हुआ था |
दोनों में यह अंतर था कि रामावतार में चार रूपों में भगवान लगभग एक साथ अवतरित हुए थे | जबकि कृष्णावतार में पहले बलराम जी फिर कृष्ण जी, फिर प्रद्युम्नजी कृष्ण जी के पुत्र के रूप में और अनिरुद्ध जी प्रद्युम्नजी के पुत्र के रूप में अवतरित हुए थे |
|| जय श्रीराम ||
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