नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Sunday, February 16, 2025

भगवान राम का विराटरूप- विश्वरूप


कई लोग अज्ञानता के कारण ऐसा कहते हैं कि राम जी ने कभी विराट रूप धारण नहीं किया था | जबकि ऐसा कहना बिल्कुल तथ्य हीन और भ्रामक है | और ऐसा कहने वालों की मूर्खता मात्र है |


रामजी ने कौशल्या जी को, हनुमान जी को और देवताओं, ब्रह्मा जी, विष्णु जी तथा शंकर जी को विराट रूप दिखाया था | इस तथ्य का वर्णन क्रमशः श्रीरामचरितमानस जी, अद्भुत रामायण और स्कंद पुराण में मिलता है |


|| जय श्रीराम ||

No comments:

Post a Comment

इस पोस्ट पर अपनी टिप्पणी दें

लोकप्रिय पोस्ट