नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Friday, July 12, 2024

श्रीराम गीता के अनमोल वचन-एक

 

भगवान श्रीराम हनुमानजी को उपदेश देते हुए कहते हैं-


मेरे भक्तों का कभी विनाश नहीं होता । मेरे भक्तों के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं । मैंने पहले से ही यह घोषणा कर रक्खी है कि मेरे भक्त का नाश नहीं होता है-

न मद्भक्ता विनश्यन्ते मद्भक्ता वीतकल्मषाः ।

आदावेत्तप्रतिज्ञातं न में भक्तः प्रणश्यति ।।



।। जय श्रीराम ।।


No comments:

Post a Comment

इस पोस्ट पर अपनी टिप्पणी दें

लोकप्रिय पोस्ट