भगवान श्रीराम हनुमानजी को उपदेश देते हुए कहते हैं-
मेरे भक्तों का कभी विनाश नहीं होता । मेरे भक्तों के सारे पाप
नष्ट हो जाते हैं । मैंने पहले से ही यह घोषणा कर रक्खी है कि मेरे भक्त का नाश
नहीं होता है-
न मद्भक्ता विनश्यन्ते मद्भक्ता
वीतकल्मषाः ।
आदावेत्तप्रतिज्ञातं न में भक्तः
प्रणश्यति ।।
।। जय श्रीराम ।।