सुन्दरकाण्ड में सीतारामजी के और
हनुमानजी के सुंदर चरित्रों का वर्णन किया गया है । सुन्दरकाण्ड का और इसके पाठ का
विशेष महत्व है । कई लोग सुन्दरकाण्ड का पाठ करते हैं ।
कुछ लोग सवा घंटे में तो कुछ लोग एक घंटे में
सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं । कुछ लोग पौने एक घंटे में अर्थात पैंतालीस मिनट में
सुंदरकाण्ड का पाठ करते हैं । कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आधे घंटे में ही सुन्दरकाण्ड
का पाठ पूरा कर लेते हैं । सबकी अपनी-अपनी क्षमता और सबका अपना-अपना भाव होता है ।
एक लोग बता रहे थे कि उनके गुरूजी सुन्दरकाण्ड का पाठ तीन घंटे में कराते
हैं । बहुत अच्छा लगता है । किसी ने पूछा आप प्रवचन की बात कर रहे हैं क्या ? तब
वे बोले कि पाठ की ही बात कर रहे हैं । प्रवचन की नहीं ।
तीन घंटे कैसे लगते हैं ? इस प्रश्न के जबाब में उन्होंने बताया कि पाठ
करते समय जैसे कोई दोहा आता है तो गुरूजी एक गीत गवाते हैं और संगीत वाले बड़े सुंदर
अंदाज में गीत प्रस्तुत करते हैं । इस प्रकार सुंदरकाण्ड के पाठ में तीन घंटे लग
जाते हैं ।
जैसा मैंने कहा कि सबका अपना-अपना भाव है । हर दोहे के बाद गीत का नवाचार
करने से तीन घंटे लग जाते हैं । इस प्रकार
पाठ में कोई अन्य नवाचार करने से समय तीन घंटे से अधिक भी लग सकता है । इसमें क्या
आश्चर्य है ?
।। जय श्रीराम ।।