नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Wednesday, November 12, 2025

रामजी को अपना बना के तो देखो

 श्री रामजी जैसा स्वामी पाकर गोस्वामी जी बार-बार बलिहार जाते हैं । और कहते हैं कि रामजी को अपना स्वामी बना कर देखो । 

संसार में स्वामी की कमी नहीं है लेकिन श्रीराम जी जैसा स्वामी जो गुण ग्राही हो, अवगुण को दूर करने वाला हो, थोड़े में बहुत समझने वाला हो, कभी भी क्रोध न करने वाला हो, बहुत ही सरल हो, सबल हो, समर्थ हो, दीन-दुखियों से प्रेम करने वाला हो, जिसका कोई न सुनता हो उसका भी सुनने वाला हो, जिसे कोई भी न देखता हो उसे भी देखने वाला हो, सेवक से असीम स्नेह रखने वाला हो, एकबार अपनाकर कभी भी न छोड़ने वाला हो, माता-पिता की तरह सार-सँभार करने वाला हो; ऐसा कोई नहीं है ।


इसलिए एकबार रामजी को अपना बना के तो देखो 



। जय श्रीराम 

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