बार-बार राम को संभारि रामकाज हेतु रामदूत उड़ि चले ।
बल बुद्धि ज्ञान के निधान अंजना को लाल जैसो कौन मिले ।।
महावीर वेग ते पहाड़, नीर तरु आदि जोर-जोर ते हिले ।
पूरेगी मन आस रामदास खास, देखि देवतन के मन खिले ।।
।। जय हनुमान ।।
जो सदा अर्थात तीनों कालों में और सर्वत्र सत्य रहता है । वह ही शाश्वत कहलाता है । वही सनातन कहलाता है । और सनातन धर्म के अनुसार परमात्मा सत्य, शास्वत और सनातन है ।
नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये । आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।
नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम । नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।
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