नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Friday, April 18, 2025

हनुमानजी में बोलो बल कितना

 

हनुमानजी में बोलो बल कितना ।

कोई माप नहीं, है बल इतना ।।

दस सहस गज में बल जितना ।

एक दिग्गज में होता बल उतना ।।

दस सहस दिग्गज में बल जितना ।

एक एरावत में होता बल उतना ।।

दस सहस एरावत में बल जितना ।

एक इंद्र में होता है बल उतना ।।

दस सहस इंद्र में बल जितना ।

कनिष्ठा अगुंली में ही है बल इतना ।।

कोई कैसे कहेगा बल कितना 

हनुमान जी में अतुलित बल जितना 

 

 

।। महावीर हनुमान जी की जय ।।

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