सनातन धर्म अनादि धर्म है । इसका न आदि है न अंत है । अर्थात सनातन
धर्म आदि-अंत रहित शास्वत धर्म है । इसका कभी अंत नहीं होता और यह हमेशा चलता ही
रहता है । इसलिए ही इसे सत्य सनातन धर्म कहा जाता है-
आर्य धर्म है वही जिसे हम कहते
धर्म सनातन है ।
युग युग से ही चलता आये शाश्वत
बड़ा पुरातन है ।।
वेद, पुराण, शास्त्र, रामायण; उपनिषद
में जिसका वर्णन है ।
जो समझ सके कुछ तथ्यों को बस जाता
उसका ही मन है ।।
वेद वर्णित धर्म ही सनातन
धर्म है । वेद, पुराण
उपनिषद और
रामायण आदि
में जिस धर्म का वर्णन है वह सनातन धर्म है । इसे ही हिंदू धर्म और आर्य धर्म भी कहा जाता है ।
सनातन धर्म संसार का सबसे प्राचीनतम धर्म है । यह समस्त विश्व के
कल्याण की और सर्वत्र शांति और प्राणीमात्र के सुख की कामना करने वाला धर्म है ।
जिस धर्म को कोई शुरू करता है उसे उस धर्म का प्रवर्तक कहा जाता है ।
प्रवर्तक के पहले उस धर्म का, जिसे प्रवर्तक शुरू करता है, अस्तित्व नहीं रहता है
। लेकिन सनातनधर्म सदा चलता ही रहता है इसलिए इसका कोई प्रवर्तक नहीं है । सनातन धर्म भगवत स्वरूप ही है ।
सनातन धर्म के अनुसार जब-जब धरती पर अधर्म-पाप बहुत अधिक बढ़ जाता है
तब भगवान स्वयं अवतार लेकर प्रकट होते हैं । और अधर्म-पाप को मिटाकर सनातन धर्म की रक्षा करते हैं ।
सनातन धर्म मानवता को
पुष्ट करने वाला धर्म है । जब धरती पर राक्षसत्व बढ़ता है तब सनातन धर्म पर संकट आ जाता है
क्योंकि इससे अधर्म और पाप बढ़ जाते हैं । सनातन
धर्म में भगवान का अवतार धर्म को बचाने के लिए होता है-
अधर्म-पाप जब-जब धरती पे बहुत अधिक बढ़ जाते हैं ।
तब-तब धर्म की रक्षा को भगवान धरा
पे आते हैं ।।
भगवान धरापे आकरके कुछ और नहीं
दिखलाते हैं ।
इनके आने के पहले भी, जो धर्म
उसीको बचाते हैं ।।
राक्षसत्व मिटाके धरती से सबको शुभ
राह दिखाते हैं ।
कुछ और नहीं यह आर्य-धर्म जिसकी हम
गाथा गाते हैं ।।
इस प्रकार सनातन धर्म आदि, अंत
रहित शास्वत धर्म है । इसका कोई प्रवर्तक नहीं है । यह बहुत ही प्राचीनतम धर्म है जो सदा
चलता ही रहता है । इसे आर्य धर्म और हिंदू धर्म भी कहा जाता है । धरती पर जब-जब
अधर्म और पाप अधिक बढ़ जाते हैं तब भगवान स्वयं अवतार लेकर अधर्म और पापको मिटाकरके
सनातन धर्म की रक्षा करते है । जिससे संसार में सुख और शांति का समावेश हो जाता है
। और मानवता पुष्ट हो जाती है तथा राक्षसत्व का अंत हो जाता है ।
।। जय श्रीराम ।।
Nice Post
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