नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Tuesday, February 1, 2022

वन उपवन अरु कुंज गलिन में खोजत श्याम शरीर- चलो मन कालिंदी के तीर

 

चलो मन कालिंदी के तीर ।

रवि तनुजा जल मज्जन कीजे, श्यामल पावन नीर ।।१।।

मन मोहन जहँ गाय चरावत, संग सखा बलवीर ।

वृंदावन सो धाम की महिमा, गावत मुनि मतिधीर ।।२।।

मथुरा, नन्द गाँव बरसाना, गोकुल सुजन सनीर ।

वन उपवन अरु कुंज गलिन में, खोजत श्याम शरीर ।।३।।

राधा मोहन रास विहारी, राधारमन मन हीर ।

बांकेबिहारी गिरि गोवर्धन, दर्शन करु धरि धीर ।।४।।

वंशीवट गोपेश्वर आदिक, धरिये वृज रज सीर ।

दीन संतोष दीन सुखदायक, राधावर यदुवीर ।।५।।


   ।। राधारमण भगवान की जय ।।

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