चलो मन
कालिंदी के तीर ।
रवि
तनुजा जल मज्जन कीजे, श्यामल पावन नीर ।।१।।
मन मोहन
जहँ गाय चरावत, संग सखा बलवीर ।
वृंदावन
सो धाम की महिमा, गावत मुनि मतिधीर ।।२।।
मथुरा,
नन्द गाँव बरसाना, गोकुल सुजन सनीर ।
वन उपवन अरु कुंज गलिन में, खोजत श्याम शरीर ।।
राधा मोहन रास विहारी, राधारमन मन हीर ।
बांकेबिहारी
गिरि गोवर्धन, दर्शन करु धरि धीर ।।४।।
वंशीवट गोपेश्वर आदिक, धरिये वृज रज सीर ।
दीन
संतोष दीन सुखदायक, राधावर यदुवीर ।।५।।
।। राधारमण भगवान की जय ।।