नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Friday, September 22, 2023

बसौ मेरे नयनन में रघुवीर

 

बसौ मेरे नयनन में रघुवीर

रूप अनूप मदन लखि लाजै, सुंदर श्याम शरीर ।।१।।

अंग अंग सुभग मनोहर चितवन, सुंदर धनु कर तीर ।

बालोचित पट सोहत नीके, भूषण लसत तुणीर ।।२।।

मंद मंद मुस्कान सुशोभित, नाभी रुचिर गंभीर ।

भूपति मगन मुदित सब रानी, निरखत जन मन हीर ।।३।।

चारों भ्रात सखा संग सोहत, सकल सुभग वर वीर ।

अवध बीथिन बिच विचरत रघुवर, खेलत सरजू तीर ।।४।।

सुर नर मुनि निरखत सुख पावत, मुदित सकल मतिधीर ।

दीन संतोष ओर प्रभु देखो, धारो कर मम सीर ।।५।।


। जय रघुवीर 

No comments:

Post a Comment

इस पोस्ट पर अपनी टिप्पणी दें

लोकप्रिय पोस्ट