नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Sunday, October 1, 2023

आयो री सखी कोशलराज दुलारे

आयो री सखी कोशलराज दुलारे ।

सुंदर श्याम मनोहर मूरति, रहि नहिं जात निहारे ।।१।।

कोटि मनोज देखि छवि लाजै, लोचन जात न टारे ।

श्याम गौर दोउ बंधु सुहावन, मुनि जन लोचन तारे ।।२।।

यज्ञ कराये मुनि मन तोषे, असुरन को संघारे ।

धनु मख हेतु जनकपुर आए, पुर गुर मातु उधारे ।।३।।

पुर चहुँ ओर होत है चर्चा, जागे भाग हमारे ।

दीन संतोष नाथ छवि देखे, सकल अपनपो हारे ।।४।।

 

।। कोशलराज दुलारे श्रीराम-लक्ष्मण की जय ।।


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