नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Sunday, February 16, 2025

भगवान राम का विराटरूप- विश्वरूप


कई लोग अज्ञानता के कारण ऐसा कहते हैं कि राम जी ने कभी विराट रूप धारण नहीं किया था | जबकि ऐसा कहना बिल्कुल तथ्य हीन और भ्रामक है | और ऐसा कहने वालों की मूर्खता मात्र है |


रामजी ने कौशल्या जी को, हनुमान जी को और देवताओं, ब्रह्मा जी, विष्णु जी तथा शंकर जी को विराट रूप दिखाया था | इस तथ्य का वर्णन क्रमशः श्रीरामचरितमानस जी, अद्भुत रामायण और स्कंद पुराण में मिलता है |


|| जय श्रीराम ||

Sunday, February 9, 2025

विवाह के बाद बेटियों से सभी सम्बन्ध समाप्त कर देना चाहिए- एक संत का उपदेश

 एक संत श्रोताओं को उपदेश देते हुए कह रहे थे कि विवाह के बाद बेटियों से सभी सम्बन्ध समाप्त कर देना चाहिए | 

वह मरे अथवा जिये इससे कोई मतलब नहीं होना चाहिए | विवाह कर दिया बस फिर कोई मतलब नहीं |


जब साधु, संत, कथा वाचक ही ऐसी बात करने लगेंगे तो और कोई क्या कर सकता है | जिसको सदराह दिखाना चाहिए वही गुमराह करने लगे तो देश समाज का पतन नहीं तो और क्या होगा ? 


रामदास कलिकाल में, मति जाती है रूठ |

ठूठे को समुझत हरा, हरे पेड़ को ठूठ ||


|| जय श्रीराम ||

Saturday, February 1, 2025

श्रीराम गीता अनमोल वचन - सबकी उत्पप्ति, पालन-पोषण मुझसे ही होता है और सबका मुझमें ही प्रलय हो जाता है

 

जो मोहरूपी कलिल का नाश करके सदा परमात्म पद का साक्षात्कार कराती है, वह व्रह्मविद्या भी मुझ महेश्वर की आज्ञा के ही अधीन है । इस बिषय में बहुत कहने से क्या लाभ यह सारा जगत मेरी शक्ति से ही उत्पन्न हुआ है, मुझसे ही इस विश्व का भरण-पोषण होता है तथा अंततोगत्वा सबका मुझमें ही प्रलय होता है-


बहुनात्र किमुक्तेन मम शक्त्यात्मकंजगत ।।

मयैव पूर्यते विश्वं मय्येव प्रलयं ब्रजेत् ।।



।। जय श्रीराम ।।

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