नमस्तुभ्यं भगवते विशुद्धज्ञानमूर्तये आत्मारामाय रामाय सीतारामाय वेधसे ।।


नमस्ते राम राजेन्द्र नमः सीतामनोरम नमस्ते चंडकोदण्ड नमस्ते भक्तवत्सल ।।


दीन मलीन हीन जग मोते । रामचंद्र बल जीवत तेते ।।

Wednesday, March 15, 2023

राम सिवा मोहिं दूजा न भाए

 

।। श्रीसीतारामचंद्राभ्याम नमः ।।


राम नाम गुन मन को लुभाए ।

राम सिवा मोहिं दूजा न भाए ।। 


सीताराम के गुनगन गाए ।

रघुवर मेरे, मैं उनका बताए ।। राम सिवा. ।।


नयनों के तर अब दूजा न आए । 

पचि-पचि मरे का जग को रिझाए ।। 


कोल किरात भील अपनाए ।

बानर भालू को मीत बनाए ।। राम सिवा. ।।


कोटिक दीन मलीन बसाए ।

निज कहि राम हिये से लगाए ।। 


दीनबंधु रघुपति सम गाए ।

सरल विनीत और नहिं पाए ।। राम सिवा. ।।


सुंदर श्याम सुशील सुहाए ।

कर सर चाप अमित छवि छाए ।। 


दीन मलीन को राम सहाए ।

होत सदा सदग्रंथ बताए ।। राम सिवा .।।


दीन संतोष विरद बल पाए ।

कृपा सदन सो आस लगाए ।। 


श्रीरघुनाथ न बनय भुलाए ।

देखत ओर तोर कहलाए ।। राम सिवा. ।।

 


।। जय श्रीराम ।।

 

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